1.माँ की सीख़ ( short story with moral)
सोनू एक बहोत अच्छा लड़का था ,वो अपनी माँ के साथ एक बड़े घर में रहता था।सोनू की माँ बहोत अच्छे पकवान बनाती थीं ,सोनू अपनी माँ की सारी बात मानता था ,
एक दिन उसकी माँ ने कूकीज बनाई और एक डब्बे में रख दिया ,उन्होंने अपने बेटे सोनू से कहाँ की वह होम-वर्क करने के बाद कूकीज खा सकता है ,इतना कहने के बाद उसकी माँ बाज़ार चली गयी।
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सोनू ने जल्दी से होम-वर्क किया और माँ के आने से पहले कुकीज़ खाने के लिए गया उसने डब्बे में हाथ डाला और 5 कुकीज़ निकालने की कोसिस की लेकिन उसका हाथ बहार नहीं निकल पा रहा था।
इतने में उसकी माँ आगयी और उसे देख जोर से हॅसने लगी और सोनू से कहाँ की सिर्फ दो कुकीज़ निकालो सोनू ने वही किया और उसका हाथ बाहर आगया ,
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सोनू की माँ ने कहाँ की इससे तुमने क्या सीखा
सोनू ने कहाँ की हमें ज़्यादा लालच नहीं करना चाहिए और जितने की ज़रूरत हो उतनी ही लेनी चाहिए .
2.कामचोर बच्चे
एक गांव में दो लड़के रहते थे ,रमेश और सुरेश दोनों ही बहोत अलसी थे ,उनकी माँ हमेसा सोचती की इन निठल्लो का क्या करू एक दिन वो दोनों आम पेड़ के निचे बैठे थे ,तभी अच्चानक एक आम वहाँ गिरा दोनों अपनी आलस की वज़ह से वो लोग आम नहीं उठा रहे थे।
तभी वहाँ से उस राज्य के मंत्री गुज़र रहे थे ,रमेश मंत्री जी कहाँ
रमेश: मंत्री जी वो आम उठके हमें दे दिजीए ,
मंत्री: वो आम तो बिकुल तुम्हारे सामने ही है ,उठो और लेलो
रमेश: यही तो परेशानी है मंत्री जी हमसे इतनी मेह्नत का काम नहीं होता ,इसी लिए आप उठाके दे दिज्ये ,
यह बात सुनकर मंत्री जी ने उसे आम नहीं दिया और चले गए वो रमेश और सुरेश के घर गए और उनकी माँ को सारी बात बताई रमेश और सुरेश की माँ ने कहाँ मंत्री जी मैं इन दोनों का क्या करू समझ नहीं आ रहा है ,
ये दोनों बहोत अलसी है ,
मंत्री जी ने कहाँ की आप चिन्ता मत कीजिए और इन दोनों को कल राज महल भेज़ दे।
सुरेश और रमेश की माँ ने उन दोनों को राज महल जाने को कहाँ ,वो दोनों राज महल चले गए ,
वहाँ महाराज ने उन्हें ख़ज़ाने के रखवाली करने की ज़िम्मेदारी दी ,उन्होने कहाँ की तुमलोगो से कोई काम होगा ही नहीं ,इस लिए तुम दोनों ख़ज़ाने की रखवाली करो और वो ख़ज़ाने की रखवाली करने में जुट गए ,
जैसा की उनका स्वाभाव था वो दोनों रखवाली करते समय सो गए और महल में चोरी हो गयी ,सुबह जब वो उठे तो मंत्री जी उसके खड़े थे ,उन्होंने कहाँ की तुम दोनों की वजह से राजमहल नुकसान हुआ है ,
चलो महाराज तुम दोनों सो सज़ा देंगे महाराज ने उन्हें शेर के सामने डालने का हुकुम किया उन दोनों के पशीने छूटने लगे ,उन दोनों महाराज से कहाँ
महराज हमें माफ़ कर दीजिये हमसे गलती हो गयी हमारी आलस की वजह से आज इतनी बरी चोरी हो गयी ,
हम वादा करते है ,की दुबारा आलस कभी नहीं करेंगे। महराज ने 'उन दोनों को माफ़ कर दिया
इस कहानी से हमने क्या सीखा
इस कहानी से हमने सीखा की हमें कभी आलस नहीं करना चाहिए
सोनू एक बहोत अच्छा लड़का था ,वो अपनी माँ के साथ एक बड़े घर में रहता था।सोनू की माँ बहोत अच्छे पकवान बनाती थीं ,सोनू अपनी माँ की सारी बात मानता था ,
एक दिन उसकी माँ ने कूकीज बनाई और एक डब्बे में रख दिया ,उन्होंने अपने बेटे सोनू से कहाँ की वह होम-वर्क करने के बाद कूकीज खा सकता है ,इतना कहने के बाद उसकी माँ बाज़ार चली गयी।
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सोनू ने जल्दी से होम-वर्क किया और माँ के आने से पहले कुकीज़ खाने के लिए गया उसने डब्बे में हाथ डाला और 5 कुकीज़ निकालने की कोसिस की लेकिन उसका हाथ बहार नहीं निकल पा रहा था।
इतने में उसकी माँ आगयी और उसे देख जोर से हॅसने लगी और सोनू से कहाँ की सिर्फ दो कुकीज़ निकालो सोनू ने वही किया और उसका हाथ बाहर आगया ,
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सोनू की माँ ने कहाँ की इससे तुमने क्या सीखा
सोनू ने कहाँ की हमें ज़्यादा लालच नहीं करना चाहिए और जितने की ज़रूरत हो उतनी ही लेनी चाहिए .
2.कामचोर बच्चे
एक गांव में दो लड़के रहते थे ,रमेश और सुरेश दोनों ही बहोत अलसी थे ,उनकी माँ हमेसा सोचती की इन निठल्लो का क्या करू एक दिन वो दोनों आम पेड़ के निचे बैठे थे ,तभी अच्चानक एक आम वहाँ गिरा दोनों अपनी आलस की वज़ह से वो लोग आम नहीं उठा रहे थे।
तभी वहाँ से उस राज्य के मंत्री गुज़र रहे थे ,रमेश मंत्री जी कहाँ
रमेश: मंत्री जी वो आम उठके हमें दे दिजीए ,
मंत्री: वो आम तो बिकुल तुम्हारे सामने ही है ,उठो और लेलो
रमेश: यही तो परेशानी है मंत्री जी हमसे इतनी मेह्नत का काम नहीं होता ,इसी लिए आप उठाके दे दिज्ये ,
यह बात सुनकर मंत्री जी ने उसे आम नहीं दिया और चले गए वो रमेश और सुरेश के घर गए और उनकी माँ को सारी बात बताई रमेश और सुरेश की माँ ने कहाँ मंत्री जी मैं इन दोनों का क्या करू समझ नहीं आ रहा है ,
ये दोनों बहोत अलसी है ,
मंत्री जी ने कहाँ की आप चिन्ता मत कीजिए और इन दोनों को कल राज महल भेज़ दे।
सुरेश और रमेश की माँ ने उन दोनों को राज महल जाने को कहाँ ,वो दोनों राज महल चले गए ,
वहाँ महाराज ने उन्हें ख़ज़ाने के रखवाली करने की ज़िम्मेदारी दी ,उन्होने कहाँ की तुमलोगो से कोई काम होगा ही नहीं ,इस लिए तुम दोनों ख़ज़ाने की रखवाली करो और वो ख़ज़ाने की रखवाली करने में जुट गए ,
जैसा की उनका स्वाभाव था वो दोनों रखवाली करते समय सो गए और महल में चोरी हो गयी ,सुबह जब वो उठे तो मंत्री जी उसके खड़े थे ,उन्होंने कहाँ की तुम दोनों की वजह से राजमहल नुकसान हुआ है ,
चलो महाराज तुम दोनों सो सज़ा देंगे महाराज ने उन्हें शेर के सामने डालने का हुकुम किया उन दोनों के पशीने छूटने लगे ,उन दोनों महाराज से कहाँ
महराज हमें माफ़ कर दीजिये हमसे गलती हो गयी हमारी आलस की वजह से आज इतनी बरी चोरी हो गयी ,
हम वादा करते है ,की दुबारा आलस कभी नहीं करेंगे। महराज ने 'उन दोनों को माफ़ कर दिया
इस कहानी से हमने क्या सीखा
इस कहानी से हमने सीखा की हमें कभी आलस नहीं करना चाहिए
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