3 रानियों की हिंदी कहानी
एक राजा था जिसकी 3 बेटियाँ थी ,3 नो बेटियाँ बहुत समझदार थी ,एक दिन राजा ने अपनी तीनो बेटियाँ को बुलाया और पूछा की तुम किसका खाती हो ,2 बेटियों ने कहाँ आपका खाते है लेकिन तीसरी बेटी ने कहाँ की भगवान का खाते है ,यह बात सुनकर उसके पिता को गुस्सा गया ,
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और उसने 3नो बेटियों को जाने को कहाँ तीनो बेटियाँ वहा से चली गयी,
कुछ दिन बाद एक फ़क़ीर वहाँ मांगने आया ,तब राजा ने अपनी बेटी से कहाँ की अगर तुम भगवान का खाती हो तो तुम्हारी सादी मैं इस फ़क़ीर से से करा देता हूँ ,
लड़की ने कहाँ पापा आपकी मर्ज़ी , राजा गुस्सा हो गया बोला ठीक है ,राजा ने उसकी शादी उस फ़क़ीर से करा दी ,उस फ़क़ीर के पास न घर था ,
नाही खाना ,वो दोनों भूखे घूम रहे थे ,घुमते-घुमते वो लोग एक जंगल में चले गए ,
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और दोनों काफी थक चुके थे तो वो एक पेड़ के निचे बैठ गए ,बैठते ही उन दोनों को नींद आगयी और दोनों सो गए ,सोते वक़्त लड़की को एक सपना आया की उसका पति एक राजा है और उसे किसी पेड़ से टकराने की वज़ह से उसकी ये हालत हो गयी है ,
लड़की की नींद तुरंत खुल गयी उसने अपने पति उठाया और दोनों फिर से चलना सुरु कर दिया चलते-चलते उसने वो पेड़ जो उसने अपने सपने में देखा था ,वो अपने पति को उस पेड़ के पास लेगयी और उसे जोर से धक्का दिया और वो उस पेड़ से टकराया और टकराते ही उसका हुलिया पूरी तरह से बदल गया ,
और वो एक बेहद खूबसूरत और जाबाज राजा होगया ,ये देख कर वो लड़की हैरान रह गयी ,राज़ा ने उसे बताया की वो जंगल में शिकार करने आया था ,तभी उसने एक शेर को देखा और उसका शिकार करने के लिए उसके पीछे भागा और इस पेड़ से टकरा गया जिसके बाद उसकी यादास चली गयी ,
उसने लड़की से पूछा की तम्हारे पिता जी ने मुझसे तुम्हारी शादी क्यों की
लड़की ने पूरी बात बताई राजा ने उसे अपनी धरम पत्नी स्वीकार किया और अपने राज्य लेगया ,कुछ दिन युही बीत गए जिस राज्य की वो रानी थी ,उस राज्य बहोत बड़ा था ,
उस राजा की सोहरत दूर-दूर तक प्रसिद्ध थी।,उसकी सोहरत सुनके उस लड़की के पिता उसका राज्य अपनी दोनों बेटियों के साथ देखने गए ,वो वहा पहुँचे उनका बहोत आदर सत्कार हुआ ,अब वो राजा और रानी से मिलना चाहते थे ,
उन्होंने सेवकों से कहा की वो राजा से मिलना चाहते है,सेवक राजा के पास गया और कहाँ की वो आपसे मिलना चाहते है। राजा ने कहाँ की ठीक है हम आते है ,राजा वहाँ गया और उसने मिला दोनों एक दूसरे को नहीं पेचान पाए क्युकी जब राजा ने उसकी शादी की थी तब उसका हुलिया बहुत ख़राब था ,
राजा से मिलने के बाद उसने रानी से मिलने की ख्वाहिस की रानी वहाँ आयी उसने अपने पिता को पहचान लिया ,लेकिन रानी के आभूषणों और सुंदरता की वज़ह से उसने अपनी बेटी को नहीं पहचाना ,उसे मिलते ही वो रो पारी और वहाँ से चली गयी ,
उसके पिता ने राजा से पूछा क्या हुआ राजा ने कहाँ मुझे नहीं पता थोड़ी देर बाद रानी फिर आयी जिस कपड़े में उन्होंने उसे विदा किया था वही कपड़े पहनकर राजा ने उसे पहचान लिया और रोने लगा ,उससे माफ़ी मांगी ,और कहाँ बेटी तूने सही कहाँ था बेटी ,तुम भगवान का खाती हो ,उसकी दोनों बहन उसे ही देखती रह गयी।
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