लूडो वाली बहुँ
Hindi kahaniya

लूडो वाली बहुँ: विदाई के वक़्त मंजू की मम्मी मंजू से कहती है देख रे मंजू दूसरे शहर के लोग है इन्हे तेरी मोबाइल के एडिक्शन नहीं पता और रिस्ता हो गया वहाँ कोई नाटक मत करना नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मंजू अपने ससुराल पहुंच जाती हैं। जहाँ उसे उसकी सास कहती है ,अब सास को आराम देकर तुहि मेरे बेटे और इस घर का ख्याल रखेगी अभी तो कोई काम है नहीं इसी लिए कल से सारि ज़िमेदारी सम्भाल लेना बेटा ,मंजू अपने कमरे में आराम करती है और अगली सुबह ससुराल में सारा काम संभाल लेती है लेकिन काम करते हुए गुस्से में बर-बाराती भी रहती है (सारा घर सम्भाल लेना बहु लेकर आई है या नौकरानी एक तो घर न जाने कौन से कोने में है जहाँ इंटरनेट का एक सिग्नल तक नहीं आता और बात तो ऐसे करती है जैसे न जने कौन से ख़जाने की मालकिन हो ) सास: पहले ही दिन क्या हो गया बहु जो घर में कैलिसि फैला रही हो बहुँ: अभी तक कुछ किया नहीं मम्मी जी बस अपनी किस्मत पर रो रही हूँ। मायके में पूरा समय wifi से लूडो खेलती थी यहाँ तो नोटिफिकेशन देखने लायक़ इंटरनेट नहीं चलता। लूडो क्या घंटा चलेगा सास: हाय रे मेरे राम इतनी सी बात के लिए गोल गप्पा फुला है ,अरे ओ बिट्टू ज़रा ये बहुँ के लिए घर में wifi लगवा दियो बिट्टू: ज़रा सा फ़ोन चलाने के लिए wifi की क्या ज़रूरत छत पर मोबाइल का कनेक्शन अच्छा आता है वही जाकर चला लिया करो बहुँ: सुनो जी ! मैं पूरा दिन कोना पकड़ के नहीं बैठ सकती मुझे लूडो खेलने के लिए wifi की ज़रूरत है इसी लिए साम तक लग जाना चाहिए नहीं तो जितने दिन मेरा गेम छूटेगा न उतने दिन आप भी खाना पानी भूल जाना। ये बोलकर मंजू वहाँ से चली जाती है बिट्टू उसे हैरानी से देखता रह जाता है। जिस पर वो उसी दिन शाम को wifi लगवा देता है और बोलता है ये लो महारानी आपका wifi लग गया अब उठकर खाना बना देंगी प्लीज बिट्टू की बात से खुश होकर मंजू कमरे में अपना फ़ोन ले कर लूडो खेलने में लग जाती है। और आवाज लगा कर सास को बोलती है मम्मी जी ज़रा इन्हे खाना दे दीजिये प्ल्ज़ बिट्टू मंजू को देखते हुए बाहर चला जाता है। मंजू अपने लूडो गेम में मगन हो जाती है। दिन साम बित जाती है लेकिन मंजू ज़ि अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलती सास: ऐसा कौनसा बिज़नेस चल रहा है महारानी का जो सुबह से एक बार भी कमरे से बाहर नहीं झांकी मंजू की सास उसके कमरे में जाती है तो देखती है की मंजू वहाँ बैठी मोबाइल में लूडो का गेम खेल रही है। सास: अरे सत्या नास हो रे तब से तू काम बोलकर इस फ़ोन में लगी पारी है। मंजू: मम्मी जी मुझे डिसट्रब मत कीजिए मुझे भूक लगी है कुछ खाने को दिज्ये और रात का खाना भी आप ही देख लेना बाई। सास: हाय राम बस बुढ़ापे में यही दिन देखना रह गया था की जिस बहु को घर में अपनी सेवा के लिए लेकर आये अब वो भी हमपर हुकुम चलाकर हमसे ही काम कराएगी। मंजू की सास कमरे से बाहर चली जाती है और घर का सारा काम करने लगती है। इसी तरह दिन बीतते है और इसी के साथ मंजू की लोदु गेम की लत और हुकुम भी बढ़ते जाते है। सास: गेम न हुआ की मेरी जान का दुसमन हो गया। बिट्टू: ये सब wifi लगाने के बाद ही सुरु हुआ है। हद ही हो गयी अभी इसे बंद कर हूँ। बहु: क्या-क्या बोले देखो ज़ि कह देती हूँ। wifi बंद हुआ न तो तुम्हारे लिए मुझसे बुरा कोई नहीं होगा बिट्टू: वैसे भी कोई है भी नहीं मंजू एक बार फिर गेम में मगन हो जाती है जिसे देखने बिट्टू अपनी मम्मी के कान में कुछ फुस-फुसता है और वो दोनों भी बिना काम किये पूरा दिन फ़ोन इस्तेमाल करने लगते है जिस वजह से पूरा भूखे रहने के बाद मंजू का ध्यान अपने पति और सास पर जाता है। मंजू: आप दोनों फ़ोन में लगे क्या कर रहे है। घर का काम कौन करेगा मुझे भूख लगी है खाना देदो मैं लूडो जितने वाली हूँ अभी यहाँ से हिल भी नहीं सकती मैं सास : हमने तो खा लिया तुम्हे खाना हो तो बना लेना फिर साथ में एक गेम खेलेंगे बिट्टू : तब तक डोंट डिस्टर्ब हमलोगो का भी गेम चल रहा है। बहु: अरे मुझे किसी के साथ कोई गेम नहीं खेलना। कहकर मंजू वहाँ से चली जाती है अब ये सब हर रोज होने लगता है जिससे कुछ ही दिनों में मंजू परेशान होने लगती यही है अपने सास और पति का व्यवहार देख कर उसका गेम खेलना काम हो जाता है। मंजू बिट्टू से कहती है आप और मम्मी जी दिन भर गेम खेलते रहते है। आपको ऑफिस नहीं जाना होता है क्या ? बिट्टू: मैंने तो नौकरी छोर दी अब घर में कोई कुछ काम नहीं करेगा सब साथ में गेम खेलेंगे तुम भी तो यही करती हो फिर दिक्कत क्या है चलो सब खेलते है। बिट्टू की बात सुनकर मंजू को अपनी गलती समझ आ जाती है , मंजू : सॉरी जी मुझे समझ आज्ञा मई क्या कर रही थी गेम तो सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए अच्छे है उनका एडिक्शन किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता मैं अपनी गलती समझ गयी हूँ जी |
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