एक किसान ki purani hindi kahani
एक बार की बात है एक बार गांव में सूखा पर जाता है। सभी गांव वालो की फ़सल बर्वाद हो जाती है सब लोग बहुत परेशान हो जाते है। दो गांव वाले आपस में बात करते है ,अरे भाई भीमा इस बार तो बहुत ज़्यादा सूखा पर गया सारि फसल ही बर्वाद हो गयी मैं तो बहुत कर्जे में आज्ञा हूँ ,दूसरा व्यक्ति कहता है
हाँ भाई रामु मेरा भी तुम्हारे जैसा ही है। रामु बोलता है ज़रूर हमारे गांव में किसी ने बहुत पाप किये होंगे भगवान उसी का बदला ले रहा है मैंने सुना है पास वाले गांव में एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है चलो वहाँ जाकर भगवान से प्राथना करेंगे क्या पता पता बारिश हो जाए ,यही सोच कर वे सारे लोग मिलकर पास वाले गांव में प्राथना और दर्शन करने जाते है।
फिर अगले दिन जब वो लोग वापस लौट रहे होते है उन्हें देर हो जाती है और अँधेरा हो जाता है। उनकी गाड़ी घने जंगल से गुज़रती है सभी लोग बहुत डर जाते है भीमा बोलता है अरे भाई रामु ये तो बहुत ही घना जंगल है। कही कोई भूत-प्रेत न मिलजाए रास्ते में रामु बोलता है अरे बही भीमा कोई भूत-उत नहीं होता तू सबको डरा मत।
और चुप चाप बैठ जा तभी उन्हें डरावनी-डरावनी आवाज़े सुनाई देती है भीमा बोलता है अरे भाई मुझे तो बहुत डरावनी आवाज़े सुनाई दे रही है मुझे लगता है आज ज़रूर हमारे साथ कुछ गलत होने वाला है रामु बोलता है अरे भाई भीमा तुम डरो मत हम अभी तो भगवान के दर्शन करके आये है कोई भूत प्रेत हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
तभी कुछ दूर जाने पर उनकी गाड़ी का पहियाँ एक पत्थर से टकरा जाता है गांव वालो मे से एक व्यक्ति बोलता है अरे लगता है भूत ने हमला कर दिया सब अपनी जान बचा के भागो रामु बोलता है अरे भीमा सिर्फ तेरा नाम ही भीमा है असल में तो तू बहुत सर्पोक है ,देख ये तो सिर्फ एक पत्थर था हमारे गाड़ी के पहिये के निचे आज्ञा था।
फिर थोड़ी दूर जाने पर पहाड़ी से एक पत्थर लूरखता हुआ उनकी गाड़ी पर गिरता है ,भीमा बोलता है अरे मर गया रेलगता है भूतो ने पहाड़ी से पत्थर बरसा रहे है रामु बोलता है नहीं भाई ऐसा कुछ नहीं है। पहाड़ी से पत्थर अक्सर गिरते रहते है तुम चुप-चाप बैठो ज़्यादा सोर मत मचाओ तुम्हारे सोर मचाने से भूत तो नहीं आएंगे ,
किन्तु कोई जंगली जानवर आ गया तो हमें कच्चा चवा जाएगा भीमा बोलता है रामु भाई तुम ठीक कह रहे हो फिर थोड़ी दूर जाने पर एक जंगली सियार सामने आ जाता है। वो सब लोग बहुत दर जाते है रामु बोलता है भीमा मैंने तुमसे कहा था न की जोर-जोर से मत चिल्लाओ कोई जंगली जानवर हमारी आवाज़ सुनलेगा, फिर सब लोग जोर-जोर से चिल्लाना सुरु कर देते है ताकि सियार वहाँ से भाग जाए।
सियार उनके चिल्लाने के दर से वहाँ से भाग जाता है। भीमा बोलता है शुक्र है भगवान का एक मुसीबत तो टली फिर थोड़ी दूर जाने पर जोर-जोर से बारिश सुरु हो जाती है ,रामु बोलता है अरे वाह लगता है भगवान ने हमारी सुन ली, देखा भीमा मैंने कहा था न अगर हम भगवान से प्राथना करेंगे तो आवस्य ही बारिश कर देंगे।
तभी एक बिजली कराती हुई उनकी गाड़ी के पास आकर गिरती है वे सब डर जाते है, भीमा बोलता है रामु भाई बार-बार बचे अगर बिजली हमलोगो पर गिरजाति तो सबका काम तमाम हो जाता , थोड़ी दूर चलने पर फिरसे बिजली उनकी गाड़ी के बिलकुल नज़दीक गिरती है, भीमा बोलता है फिर बार -बार बचे रामु भाई लगता है भगवान कुछ ज़्यादा ही प्रसन्न हो गए है इस लिए बारिश के साथ करक्ति बिजली मुफ्त में बरसा रहे है।
रामु बोलता है भीमा भाई मुझे लगता है आज हमलोगो में से किसी का आखरी दिन है ,तभी हर थोड़ी दूर जाने पर हमारे साथ कोई न कोई हादसा हो रहा है ,तभी एक और बिजली उनकी गाड़ी के पास आकर गिरती है ,भीमा बोलता है हे भगवान मैंने तो कोई पाप नहीं किया है ,मुझे छोर दो चाहे तो इन सबको अपने पास बुला लो,भीमा बोलता है आज हम में से किसी एक की मौत पक्की है।
अगर हमने उसे गाड़ी से नहीं उतारा तो सबकी मौत पक्की है ,रामु बोलता है भाई तुम बात तो सही कह रहे हो लेकिन ये कैसे पता चलेगा की किसकी वजह से ये सब हो रहा है ,एक काम करते है सभी बारी-बारी से गाड़ी से उतरेंगे और सामने जो पेड़ लगा है उसे हाथ लगा कर वापस आएंगे अगर उसकी मौत पक्की होगी तो बिजली आवस्य हि उसके ऊपर गिरेगी और बाकि सब बच जाएंगे।
रामु बोलता है ठीक है भाई पहले तुम गाओ मैं बाद में आऊंगा फिर वो आपस में तय करते है की उस गाड़ी के चार लोगो में से सबसे पहले कौन जयेगा ,सबसे पहले भुवन जाता है भुवन डरता हुआ जाता है और पेड़ को हाथ लगा कर वापस आ जाता है , फिर समु जाता है समु भी पेड़ को हाथ लगा कर गाड़ी में वापस आ जाता है।
अब भीमा का नंबर था लेकिन भीमा दर जाता है और सोचता है क्यों न पहले रामु को भेज दू क्या पता इसके ऊपर ही बिजली गिर जाए लेकिन समु बोलता है नहीं भाई भीमा अगला नंबर तुम्हारा है हमने जैसा तय किया था वैसा ही होगा ,तुम ही जाओगे। भीमा डरते हुए हे भगवान मेरी जान बॉक्स दो मैं 500 रूपये का प्रसाद चढ़ाऊंगा बस किसी तरह मेरी जान बॉक्स दो।
भीमा भी उस पेड़ को हाथ लगता है और कुछ नहीं होता और वो ख़ुशी-ख़ुशी वापिस आ जाता है और बोलता है अरे भाई मैं भी बच गया अब सिर्फ रामु ही बचा था सबको लग रहा था की यही है जिसकी वजह से आज हम सब फस गए है रामु ये सोच कर उदास हो जाता है वजह से सबकी जान आज जोखिम में पर गयी वो पेड़ को हाथ लगाने के लिए चल देता है।
गाड़ी में बैठे सारे लोग बहुत खुश होते है उन्हें लगता है की वे सब बच गए जैसे ही रामु पेड़ को छूता है जोर से बिजली गिरने की आवाज़ आती है लेकिन वो बिजली रामु पे नहीं उस गाड़ी पर गिरती है जिसके ऊपर बाकि के सभी लोग बैठे होते है और रामु ही एक इंसान था जिसके कर्मो की वजह से बाकि के सभी लोग सुरक्छित बचे हुए थे।
रामु की वजह से गाड़ी के आस- पास तो बिजली गिर रही थी लेकिन गाड़ी पर नहीं गिर रही थी लेकिन इन्होने इसीको गाड़ी से उतार दिया रामु ये सब देखकर बहुत उदास हो जाता है और बोलता है हे भगवान अगर मैंने अपनी ज़िन्दगी में कोई अच्छा काम किया है कृपा करके मेरे बाकि के दोस्तों को भी जीवन दान दे दिज्ये भगवान रामु के सच्ची निष्ठा को देख कर उसके सभी मित्रो को जीवन दान दे देते है।
और कुछ ही पालो में वो सारे फिर से ज़िंदा हो जाते है फिर सब लोग रामु से अपने किये की माफ़ी मांगते है और अपने गांव की ओर चल देते है जब वो गांव पहुंचते है तो देखते है की उनके खेत फिर से हरे-भरे हो चुके है फिर वो सरे दोस्त आपस में मिल-झूल कर रहने लगते है। और वो सभी लोग अपनी-अपनी ज़मीन में से रामु को कुछ हिस्सा देते है। क्युकी उसी की वजह से उनकी जान बची थी। और रामु उस जमीन को गरीबो में बाट देता है .
Moral of story: ज़िन्दगी में कोई भी चुनौती तो उससे घबराइये मत बल्कि हसकर उसका सामना कीजिए
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